छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्र सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस भैरमगढ़ में मनाया गयावीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे: 

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छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्र सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस भैरमगढ़ में मनाया गयावीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे: 

 

उनका जन्म 1795 में बलौदाबाज़ार ज़िले के सोनाखान गांव में हुआ था. 

उनके पूर्वज गोंड जनजाति से थे और सारंगढ़ में रहते थे. 

उन्होंने बाद में गोंड से बिंझवार जनजाति में अपना जुड़ाव बदल लिया. 

वे एक प्रजा हितैषी थे. 

1856 के भीषण अकाल में उन्होंने कसडोल के साहूकारों के गोदाम लूटकर गरीबों में अनाज बांटा था. 

इस वजह से साहूकारों ने उनकी शिकायत अंग्रेज़ों से की थी. 

अंग्रेज़ों ने 24 अक्टूबर, 1856 को उन्हें संबलपुर से गिरफ़्तार कर रायपुर जेल में बंद कर दिया था. 

10 दिसंबर, 1857 को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर उन्हें फांसी दी गई. 

उनकी मृत्यु के बाद अंग्रेज़ों ने उनके शव को तोप से उड़ा दिया थाजिसमें मुख्य रूप से उपस्थित सीता राम मांझी सी एस नेताम BR भास्कर शिव कुमार पुनेम बलराम मिंज सुकराम कवासी विनीता बघेल आदेश जुर्री और अन्य सामाजिक पदाधिकारी मौजूद थे

 

 

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